Sawan Shivratri 2024: ‘महाशिवरात्रि’ और ‘सावन शिवरात्रि’ में क्या अंतर है?

Sawan Shivratri 2024: सावन का महीना चल रहा है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा होती है। सावन में आने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहते हैं। लेकिन कई लोग इसे महाशिवरात्रि के नाम से भी जानते हैं। क्या आप जानते हैं कि महाशिवरात्रि और सावन शिवरात्रि में क्या अंतर है? आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे।

महाशिवरात्रि क्या है?

महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है। यह फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस दिन पूरी रात जागकर भगवान शिव की पूजा की जाती है।

सावन शिवरात्रि क्या है?

सावन शिवरात्रि हर महीने आती है। यह सावन महीने की कृष्ण चतुर्दशी को मनाई जाती है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इसलिए इस महीने में आने वाली शिवरात्रि का महत्व बढ़ जाता है। सावन शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है।

Mahashivratri और Sawan Shivratri में अंतर

महाशिवरात्रि और सावन शिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव को समर्पित हैं। लेकिन इन दोनों में काफी अंतर है।

  • महत्व: महाशिवरात्रि का महत्व सावन शिवरात्रि से ज्यादा है। क्योंकि इस दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था।
  • समय: महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है, जबकि सावन शिवरात्रि हर महीने आती है।
  • पूजा विधि: महाशिवरात्रि की पूजा विधि थोड़ी जटिल होती है। वहीं सावन शिवरात्रि की पूजा घर पर भी आसानी से की जा सकती है।
  • व्रत: महाशिवरात्रि के दिन कठोर व्रत रखा जाता है। जबकि सावन शिवरात्रि के दिन सामान्य व्रत रखा जाता है।

सावन शिवरात्रि का महत्व

सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन भगवान शिव को जल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है।

सावन शिवरात्रि की पूजा

सावन शिवरात्रि की पूजा बहुत सरल है। आप घर पर ही पूजा कर सकते हैं। पूजा के लिए आपको चाहिए..

  • शिवलिंग
  • गंगाजल
  • दूध
  • दही
  • शहद
  • चीनी
  • बेल पत्र
  • धतूरा
  • भांग
  • चंदन
  • फूल
  • दीपक
  • अगरबत्ती

पूजा की विधि

  1. सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से धोएं।
  2. फिर दूध, दही, शहद, चीनी मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
  3. इसके बाद बेल पत्र, धतूरा, भांग, चंदन आदि अर्पित करें।
  4. अंत में दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  5. इसके अलावा आप मन ही मन में भगवान शिव से प्रार्थना करें।

सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखने का भी महत्व है। आप चाहें तो व्रत रख सकते हैं। व्रत रखने से मन की शुद्धि होती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
सावन शिवरात्रि का त्योहार बहुत ही पवित्र है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मन शांत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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