Anant Chaturdashi, जिसे Anant Chaudas भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। भगवान विष्णु को सृष्टि का पालन करने वाला देवता माना जाता है और वे अनेक अवतारों के रूप में पूजे जाते हैं। इस पावन दिन पर भक्त भगवान अनंत, जो भगवान विष्णु के एक रूप हैं, की पूजा करते हैं और उनसे समृद्धि तथा कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
Anant Chaturdashi 2024 Date and Time
17 सितंबर को मनाई जाएगी। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चौदहवीं तिथि को पड़ता है। इस दिन गणेश विसर्जन का भी महत्व होता है, जिसमें भक्त भगवान गणेश की प्रतिमाओं को जल में विसर्जित करते हैं और उन्हें विदाई देते हैं।
Anant Chaturdashi की कथा
एक कहानी के अनुसार, पांडवों ने कौरवों के साथ जुए में अपना धन और राज्य खो दिया था, जिसके बाद उन्हें बारह साल के लिए वनवास जाना पड़ा। इस कठिन समय में राजा युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से मार्गदर्शन मांगा। भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें भगवान अनंत की पूजा करने और व्रत रखने की सलाह दी, जिससे उनका खोया हुआ वैभव और राज्य पुनः प्राप्त हो सके।
एक और प्रसिद्ध कथा में ऋषि कौंडिन्य और उनकी पत्नी सुशीला का उल्लेख आता है। सुशीला, जो ब्राह्मण सुमंत की पुत्री थीं, ने अपने पति कौंडिन्य के साथ भगवान अनंत की पूजा के महत्व को सीखा। उन्होंने 14 गांठों वाला एक पवित्र धागा अपनी बांह पर बांधा और इसकी महिमा अपने पति को बताई। लेकिन कौंडिन्य ने इसे महत्वहीन समझकर धागे को आग में फेंक दिया। इस अपमान के कारण वे अपना सारा धन खो बैठे।
अपनी गलती का एहसास होने के बाद, कौंडिन्य ने भगवान अनंत को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की। उन्होंने कई कष्ट सहे और हार मानने वाले थे, तभी एक साधु ने उनकी सहायता की और उन्हें एक गुफा में ले गया जहां भगवान विष्णु प्रकट हुए। भगवान विष्णु ने कौंडिन्य को 14 वर्षों तक Anant Chaturdashi व्रत रखने की सलाह दी ताकि वे अपना खोया हुआ धन वापस पा सकें। कौंडिन्य ने इस व्रत को पूर्ण निष्ठा के साथ किया, और तब से लोग इस व्रत को Anant Chaturdashi पर बड़े श्रद्धा के साथ करते हैं।
Anant Chaturdashi Significance and Rituals
“अनंत” का अर्थ होता है अनंतकालीन, और “चतुर्दशी” चौदहवीं तिथि को संदर्भित करता है। इस दिन पुरुष विशेष रूप से व्रत रखते हैं और अपनी बांह पर 14 गांठों वाला पवित्र धागा बांधते हैं, जो 14 वर्षों की प्रतिज्ञा का प्रतीक होता है। यह व्रत लगातार 14 वर्षों तक भगवान अनंत की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस व्रत का उद्देश्य पिछले पापों का प्रायश्चित करना और परिवार व बच्चों के कल्याण की कामना करना होता है। यह पूजा भक्ति, धैर्य और खोई हुई समृद्धि को पुनः प्राप्त करने की उम्मीद का प्रतीक है।
इस प्रकार, Anant Chaturdashi का त्योहार भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा का दिन है, जो भक्तों को उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करता है।