Hartalika Teej 2024: इस बार कौन सा समय है सबसे शुभ? जानें यहां!

hartalika teej

Hartalika Teej एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जिसे मुख्य रूप से महिलाएं मनाती हैं। यह पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन की खुशी में मनाया जाता है, और यह महिलाओं की वैवाहिक सुख-समृद्धि की कामना के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

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Hartalika Teej का पर्व भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह त्यौहार हरियाली तीज और कजरी तीज के बाद आता है, जिसमें एक महीने का अंतर होता है।

यह त्योहार उत्तर भारत के राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। दक्षिण भारत में इसे गोवरी हब्बा के नाम से जाना जाता है, जहां महिलाएं स्वर्ण गोवरी व्रत करती हैं और देवी गोवरी से खुशहाल वैवाहिक जीवन की आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करती हैं।

Hartalika Teej के दिन महिलाएं दिनभर उपवासी रहकर पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं। यह त्योहार श्रवण और भाद्रपद महीनों के दौरान मनाए जाने वाले तीन प्रमुख तीज त्योहारों में से एक है, अन्य दो हरियाली तीज और कजरी तीज हैं।

Hartalika Teej 2024 Date and Timings

Hartalika Teej व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। 2024 में यह पर्व शुक्रवार, 6 सितंबर को मनाया जाएगा।

तृतीया तिथि, जो शुक्ल पक्ष के भाद्रपद मास की तीसरी चंद्र दिन होती है, 5 सितंबर को दोपहर 12:21 बजे से शुरू होगी और 6 सितंबर को शाम 3:01 बजे समाप्त होगी।

सुबह का समय आमतौर पर हार्तालिका पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है।

Time and DateDetails
05:59 AM to 08:36 AMHartalika Puja Muhurat
08:51 AM on Sep 05, 2024Tritiya Tithi Begins
11:31 AM on Sep 06, 2024Tritiya Tithi Ends

Hartalika Teej History and Significance

“हार्तालिका” शब्द संस्कृत के दो शब्दों से बना है: “हर्त” जिसका मतलब अपहरण और “आलिका” जिसका मतलब महिला मित्र है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में स्वीकार किया और उनकी तपस्या में व्यस्त हो गईं।

उनकी मित्रों ने उनका अपहरण कर लिया और उन्हें जंगलों में ले गईं। पार्वती के पिता ने उन्हें भगवान विष्णु से विवाह करने के लिए कहा, लेकिन वह तैयार नहीं थीं। Hartalika Teej के दिन, पार्वती ने मिट्टी की एक मूर्ति बनाई और उसकी पूजा की।

भगवान शिव उनकी पूजा से प्रसन्न हुए और विवाह का वादा किया। बाद में, पार्वती के पिता हिमालय ने भी इस विवाह के लिए अनुमति दे दी। Hartalika Teej का व्रत करके भक्तों की इच्छाएं जल्दी पूरी होती हैं।

यह दोस्ती, भक्ति और वैवाहिक खुशी के महत्व को दर्शाता है, जिससे यह पर्व विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने पतियों की लंबी उम्र और अपनी खुशहाली की कामना करती हैं।

महिलाएं विभिन्न रीति-रिवाजों में शामिल होती हैं, जिसमें व्रत रखना और शिव और पार्वती की मिट्टी या रेत की मूर्तियों की पूजा शामिल है।

Hartalika Teej 2024 नजदीक है, और शिव और पार्वती की दिव्य एकता का जश्न मनाने वाले अनुष्ठान महिलाओं की वैवाहिक सुख-समृद्धि की आशाओं को दर्शाते हैं।

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