आषाढ़ शुक्ल एकादशी को मनाई जाने वाली Devshayani Ekadashi इस साल 17 जुलाई, 2024 को है। हिंदू धर्म में Devshayani Ekadashi का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इसे चातुर्मास की शुरुआत भी माना जाता है।
Devshayani Ekadashi की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार महाराजा वेन नामक राजा थे। वह बहुत क्रूर और अधर्मी राजा था। उसने धर्म का त्याग कर दिया और लोगों पर अत्याचार करने लगा। देवताओं और ऋषियों ने उसका विरोध किया, लेकिन राजा नहीं माना। तब देवताओं ने भगवान विष्णु से मदद मांगी। भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण किया और राजा वेन के पास पहुंचे। राजा वेन ने उन्हें दान देने से इनकार कर दिया। वामन रूपी भगवान विष्णु ने राजा वेन के पेट में अपना पैर रख दिया। जिससे राजा वेन की मृत्यु हो गई। राजा वेन के शरीर से एक कृष्ण वर्ण का कीड़ा निकला। उस कीड़े को भस्म करने के लिए Devshayani Ekadashi का व्रत रखा जाता है।
Devshayani Ekadashi का महत्व
Devshayani Ekadashi का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। साथ ही, इस व्रत को रखने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
Devshayani Ekadashi की पूजा विधि
Devshayani Ekadashi के दिन व्रत रखने वाले लोगों को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। भगवान विष्णु को तुलसी दल, फल और मिठाई का भोग लगाना चाहिए। पूजा के दौरान विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना शुभ होता है।
Devshayani Ekadashi व्रत पारायण
Devshayani Ekadashi का व्रत द्वादशी तिथि के दौरान पारायण किया जाता है। इस साल व्रत का पारायण 18 जुलाई, 2024 की सुबह में किया जाएगा। पारायण का शुभ मुहूर्त सुबह 5:34 मिनट से सुबह 8:19 मिनट तक रहेगा।
Ashadhi Ekadashi 2024: तिथि, महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त